प्रकृति की ऐसी अनोखी सीख हरपल मिलेगी जीत

कविता 
प्रकृति की ऐसी अनोखी सीख हरपल मिलेगी जीत

सूरज की किरणों से सीखो , नहीं होना बेईमान ,
अपने कर्म पथ पर तुम , बनना अच्छा इन्सान। 

नन्हीं सी चिड़िया सीखा रही , सुबह -सवेरे जगना ,
जीवन में ख़ुशी से हर पल , जीना और चहकना।

बहती पवन सीखा रही , नित नए -नए चिन्तन करना , 
बाधाओं को हराके पीछे, आगे बढ़ते रहना। 

खड़ा हिमालय उत्तर में कहता , खुद तूफानों को सहना ,
अडिंग हमेशा रहना , कष्ट हमेशा सहना।

बहती नदियाँ सिखा रहीं , हर कष्ट में आगे बढ़ना ,
कदम बढ़ाकर आगे बढ़ना , कभी न किसी से डरना। 

तपन को सहकर ठण्डक देना , औरों को सुख देना ,
पेड़ प्रकृति सीखा रही , हरपल ऐसा करना। 

झरने हमें सिखाते प्यारे ! गिरकर फिर से संभलना ,
हरदम आगे बढ़ना , बाधाओं से लड़ना। 

फूल हमें सिखाते हरदम  , प्यार भरी मुस्कान ,
महकते दिल से अपने , खुश करना हर इन्सान। 

कुछ कर न सको औरों के लिए तो , बस देना इक मुस्कान ,
तेरे बाद भी हर कोई कहेगा , बहुत अच्छा है इन्सान। 

बस इतनी - सी चाह है , कहें  अच्छा है इन्सान ,
यही आसान रास्ता है , बने सभी महान। 


सन्देश - प्रकृति हर इंसान को सिखाने का सबसे अच्छा उदाहरण है। प्रकृति से सबकुछ सीखा जा सकता है, इसलिए स्वयं को प्रकृति के करीब ले जायें।

The nature is the best example to teach every human being. Everything can be learnt from the nature so bring yourself close to the nature.



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